शिक्षा और कौशल विकास महिलाओं के स्वावलंबन का आधार -डॉ. ममता मणि
बडहलगंज /गोरखपुर (निष्पक्ष टुडे) स्थानीय महाविद्यालय नेशनल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज की महिला प्रकोष्ठ के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण एवं विकास योजना: नई उड़ान विषय का एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस अवसर पर स्वागत गीत छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया।

इस कार्यशाला की मुख्य अतिथि उदित नारायण पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज पडरौना की प्राचार्य डॉ. ममता मणि त्रिपाठी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिला स्वालंबन के बिना समाज का विकास असंभव है। समाज के संतुलित विकास के लिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, उन्हें स्वावलंबी बनाना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए दो महत्वपूर्ण साधन है–शिक्षा और कौशल विकास। शिक्षा से जहा ज्ञान और आत्मविश्वास आता है, वहीं कौशल विकास से महिलाओं में उद्यमिता और तकनीकी ज्ञान का विकास होता है। इसके द्वारा महिलाएं स्वयं आत्मनिर्भर तो बनती ही हैं, परिवार,समाज और राष्ट्र के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका भी अदा कर सकती है। उन्होंने इसके लिए स्वयं महिलाओं को आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया, साथ ही साथ सरकारों द्वारा चलाई जाने वाली कौशल विकास संबंधी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी प्रेरित किया।
कॉलेज के प्राचार्य प्रो. राकेश कुमार पांडेय ने महिलाओं के स्वावलंबन में स्वयं सिद्ध समूहों की भूमिका का वर्णन करते हुए ऐसे कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार पर बल दिया।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन जनजागरण और प्रेरणा हेतु नितांत आवश्यक है।
महिला प्रकोष्ठ और कार्यशाला की संयोजक डॉ. पूजा नायक ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षित और प्रशिक्षित महिला अपने सपनों को पंख दे सकती है। जीवन को नई सोच और उड़ान दे सकती है। उसे दूसरे का मुखापेक्षी नहीं होना पड़ेगा। मुखापेक्षी होना महिला का सबसे बड़ा दर्द है। कौशल विकास से ही इस दर्द से मुक्ति मिलेगी।
कार्यशाला का संचालन डॉ. सूफिया खातून ने किया और आभार ज्ञापन डॉ. खुशबू राज ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कॉलेज की छात्राएं एवं महिला शिक्षिकाएं उपस्थित थी।
ब्यूरो प्रभारी —-विनय तिवारी
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