21-11-24, गोरखपुर: गोरखपुर विश्वविद्यालय सम्बद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (गुआक्टा) की तरफ से आज विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पर आहूत धरना-प्रदर्शन के अंतर्गत भारी संख्या में शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन कर अपनी मांगों के जिसके तहत शोध अध्ययन- कार्य हेतु शिक्षकों के लिए अलग से सुपर न्यूमेरिक कोटा के आधार पर तत्काल प्रवेश दिये जाने तथा तीन वर्षों में अधिक के परीक्षा संबन्धित लम्बित देयकों के तत्काल भुगतान किए जाने का जोरदार आवाज बुलंद किया।
प्रो लोकेश त्रिपाठी, अध्यक्ष गुआक्टा
भारी संख्या में शिक्षकों ने एक स्वर से विश्वविद्यालय कुलपति के द्वारा अनावश्यक रूप से विभिन्न समस्याओं के प्रति असंवेदनशील व्यवहार तथा शिक्षकों के हितों की लगातार घोर उपेक्षा किए जाने तथा झूठे आश्वासन पर चेतावनी भी दी और कहा कि, यदि शिक्षकों के हितों के प्रति घोर उपेक्षा से उत्पन्न विसंगतियों का जल्दी निराकरण नहीं किया जाता तथा तीन वर्षों से अधिक लम्बित देयकों का भुगतान आविलम्ब जारी नहीं किया जाता है तो आगामी परीक्षाओं में वे असहयोग को बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन कि अदूरदर्शिता पर निर्भर होगी एवं जिसके संबंध में प्रत्येक महाविद्यालयी इकाइयां अपने प्राचार्यों को, संबन्धित शीर्ष को संयुक्त रूप से मांग-पत्र और विरोध भी प्रस्तुत किया है। कुलपति प्रो. पूनम टण्डन जी को लम्बित मांगों एवं उसके त्वरित निवारण किए जाने सम्बन्धी छह सूत्रीय मांग-पत्र प्रस्तुत किया। मांग-पत्र गुआक्टा के अध्यक्ष प्रो. लोकेश त्रिपाठी, महामंत्री डॉ. निरंकार राम त्रिपाठी, उपाध्यक्ष प्रो. राम अवतार वर्मा, महिला उपाध्यक्ष सुश्री रेणु कमाल वंशी, संयुक्त मंत्री डॉ. प्रद्योत सिंह, फुपुक्टा प्रतिनिधि प्रो. अनंत कीर्ति तिवारी, डॉ. वेद प्रकाश सिंह की उपस्थिती में प्रस्तुत किया गया। प्रमुख रूप से उपस्थिति और सक्रिय सहयोग, समर्थन एवं उद्बोधन के क्रम में पूर्व कृतकार्य अध्यक्ष डॉ. श्रीरामणि त्रिपाठी, कृतकार्य महामंत्री डॉ. श्रीभगवान सिंह, पूर्व गुआक्टा अध्यक्ष एवं पूर्व महामंत्री प्रो. के.वी. तिवारी एवं प्रो. धीरेंद्र सिंह के साथ प्रमुख वक्तृता प्रो. परीक्षित सिंह, प्रो. हरीशंकर गोविंद राव, प्रो. वाचस्पति द्विवेदी, प्रो.एम.आर.पी. सिंह, प्रो. सुबोध, डॉ. अनूप श्रीवास्तव, डॉ. समरेन्द्र बहादुर शर्मा, डॉ. देवेंद्र यादव, डॉ. सुशील कुमार राय, प्रो. रवीन्द्र आनंद, प्रो. राम चेत यादव, डॉ. वैशुद्दीन प्रो. सूरज प्रकाश गुप्ता, डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. अशोक सिंह, डॉ. संतोष कुमार यादव, प्रो. प्रवीण सिन्हा, डॉ. आर. एन. शुक्ल, प्रो. कमलेश नारायण मिश्रा, प्रो. सुधीर शुक्ल, डॉ. त्रिपुरेश त्रिपाठी, डॉ. अजय कुमार त्रिपाठी, डॉ. अंजुमान सिंह, डॉ. विजय कुमार निषाद, डॉ. योगेंद्र त्रिपाठी, डॉ. कुलदीप कुमार द्विवेदी, डॉ. त्रिभुवन, डॉ. एस. के. गौतम, डॉ. सनोज कुमार चौहान, डॉ. प्रतिभा यादव, डॉ. क्षमा सिंह, डॉ. अल्का गौतम, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. विनय कुआर पाण्डेय, डॉ. शरण शंकर सिंह, श्री सुकेश पाण्डेय सहित सकड़ों की संख्या में अपने उद्बोधन और अपने विचार प्रस्तुत किया।