गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है. हम जब युवाओं की बात करते हैं तो राष्ट्र के प्रति समर्पित युवाओं को हमें याद करना चाहिए. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दुनिया का सबसे बड़ा छात्र संगठन है. देश के सबसे बड़े छात्र संगठन से जुड़ा होने के साथ साथ हमें राष्ट्र के प्रति भी समर्पित होना चाहिए. आज का युवा विज्ञान और तकनीक से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित राष्ट्र की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्मांतरण पर करारी चोट करते हुए बाटला हाउस से जुड़े मौलवी समेत 7 लोगों के तीन माह पहले हुए आजीवन कारावास की सजा का जिक्र किया. जो हिन्दू धर्म के वहां पढ़ने वाले बच्चों को धर्मांतरण की आग में झोंक रहे थे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में चल रहे तीन दिवसीय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 70 वें राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि युवा ऊर्जा ज्ञानशील एकता का प्रतीक है. ज्ञानशील बनने के लिए हमें महापुरुषों से प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने मूकबधिर बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था के निदेशक दीपेश नायर को यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार से सम्मानित होने पर हृदय से बधाई देते हुए कहा कि सही मायने में वे इस पुरस्कार के हकदार हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाटला हाउस से जुड़ी घटना का जिक्र करते हुए किस तरह धर्मांतरण के बड़े नेटवर्क को तोड़ने का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि साल 2019-20 में यूपी के एक जिले में दो युवा एक संत से मिलने उनके पास जा रहे थे. जांच में उनके पास से सर्जिकल ब्लेड मिला. पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया और उन दोनों युवाओं को छोड़ दिया. उन्होंने जब इसकी जांच करवाई, तो वे पुलिस को गुमराह करते रहे. बाद में उन्होंने अपना अपना पता दिल्ली और हैदराबाद का बताया और मुस्लिम होने की बात करते हुए संत की हत्या करने की इरादे से आने की बात स्वीकार कर ली. जांच और पूछताछ में बाटला हाउस से उनका संबंध निकला. पुलिस ने जब बाटला हाउस में जांच की तो वहां रहने वाले एक मौलवी से उनका संबंध था, जो ऐसे मूकबधिर हिंदू बच्चों को जबरन धर्मांतरण करवाते थे. उनके लैपटॉप कंप्यूटर और मोबाइल की जांच में धर्मांतरण के बड़े रैकेट का खुलासा हुआ, जिसके शिकार मूकबधिर बच्चे थे. इन मूक-बधिर बच्चों से बाटला हाउस से जुड़ी संस्था का मौलवी स्मार्ट फोन के जरिए कोड भाषा में बात करता था. इस मामले में कुख्यात मौलवी समेत 7 लोगों को आजीवन कारावास की सजा हुई. यह लोग सेवा की सौदेबाजी कर रहे थे. दीपेश नायर जैसे लोग ऐसे कार्य कर रहे हैं. जो इन बच्चों का भविष्य संवार रहे हैं. इस धर्मांतरण के खिलाफ सभी वर्ग के लोगों को आगे आने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि आज दिव्यांगजनों के लिए 4% आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है और 16 से अधिक कैटेगरी को इसमें लिया गया है .हम सभी को ऐसे युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. ईश्वर ने कहीं कमी की है तो उसकी पूर्ति भी करते हैं. आप ही के बीच में छुपे हुए जो लोग छद्म रूप में धर्मांतरण कर सेवा की सौदेबाजी कर रहे हैं, उस पर लगाम लगाने के लिए संगठन और सरकार ही नहीं हर राष्ट्रभक्त तत्व को कार्य करना चाहिए. यह लोग छद्म रूप से हमारे ही लोगों को तोड़कर धर्मांतरण की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा नेटवर्क संचालित कर रहे हैं. उनको आपने एक ब्रेकर दे दिया है, यह लक्ष्मण रेखा आपने खींचकर यशवंत राव केलकर पुरस्कार का गौरव बढ़ा दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिभा किसी जाति, मजहब और धर्म की मोहताज नहीं है. मुख्यमंत्री ने विद्यार्थी जीवन की चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया के सबसे बड़े छात्र संगठन से जुड़कर कार्य करने का सौभाग्य उन्हें भी विद्यार्थी जीवन में प्राप्त हुआ. वास्तव में सांस्कृतिक और संरचनात्मकता से जुड़े कार्य करने वाले युवा लोग कौन हैं? यह हमें विचार करने की जरूरत है.
आगे बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप पूर्वी यूपी में है यहां पर 1857 की क्रांति को याद करें तो कुंवर सिंह 80 वर्ष की अवस्था में स्वतंत्रता के आंदोलन में कूदे. स्वतंत्रता के आंदोलन में ऐसे अनेक उदाहरण हैं. जिस राष्ट्र के पास यह प्रतिभाशाली युवा होते हैं वह राष्ट्र ही इतिहास रचता है. भारत की 56 फ़ीसदी आबादी युवा है, भारत दुनिया का सबसे युवाओं वाला देश है. इतिहास का अवलोकन करेंगे तो युवा शक्ति ही इतिहास रचती है भारत की एकता को खंड-खंड में विभाजित करने पर प्रभु श्री राम और प्रभु श्री कृष्ण को भी बड़ा संकल्प लेना पड़ा था, भगवान बुद्ध और महावीर और या फिर आदि शंकराचार्य. वीर अभिमन्यु सबसे युवा वीर हैं. 16 वर्ष के युवा ने कौरवों की सेना के बड़े-बड़े महाबलियों के छक्के छुड़ा दिए और उनके सामने हार नहीं मानी. खालसा पंथ के संस्थापक गुरु नानक. हल्दीघाटी का युद्ध लड़ने वाले महाराणा प्रताप 30 वर्षों तक अकबर से युद्ध लड़कर अपने सारे दुर्ग वापस ले लिए. छत्रपति शिवाजी और 1857 की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई, जिन्होंने प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन में 26 वर्ष की आयु में अंग्रेजों से लोहा लिया और विजयी हुईं. सुभाष चंद्र बोस, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्लाह खान, भगत सिंह और वीर सावरकर जिन्हें दो-दो बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, यह सब युवा ही थे. रविन्द्रनाथ टैगोर ने कहा कि युवाओं के बारे में जानना है तो स्वामी विवेकानंद को पढ़िए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लुईस ब्रेल की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने मूक-बधिर लोगों के लिए 15 वर्ष की आयु में ही ब्रेल लिपि बना दी थी. आइंस्टीन में 26 वर्ष की आयु में सापेक्षता का सिद्धांत और न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत को प्रतिपादित कर दिया था. उन्होंने कहा कि आज एआई तकनीक ने प्राइवेसी को खत्म कर दिया है. उन्हीं के सरकार के एक मंत्री के बेटे को डिजिटल अरेस्ट करके मंत्री जी की ऑडियो और हूबहू असली सा दिखने वाला नकली वीडियो बनाकर खाते में रुपए ट्रांसफर करा लिए गए. बाद में जांच हुई तो मंत्री जी को ठगे जाने का एहसास हुआ और आरोपियों खिलाफ कार्रवाई के लिए मुकदमा दर्ज कराया गया. लेकिन हमें विज्ञान और तकनीक का सही इस्तेमाल करना होगा.
मुख्यमंत्री ने ऋषि परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि ऋषि परंपरा का भारत बड़ा नाम रहा है. एबीवीपी युवा ऊर्जा का सबसे बड़ा माध्यम है. युवा ऊर्जा ज्ञानशील एकता का प्रतीक है. ज्ञानवान बनने के लिए इससे बड़ा ग्राही कोई नहीं रहा होगा. उन्होंने साल 1999 और 2001 के बीच का जिक्र करते हुए बताया कि उसे समय मोबाइल का इस्तेमाल शुरू हुआ था उनके गुरु ने उन्हें एक इनकमिंग और आउटगोइंग वाला मोबाइल दिलाया. उसका बिल 10 हजार रुपए आ गया, तो उनके गुरु ने कहा कि इसे तुम्हें ही चुकाना होगा. इसके बाद उन्होंने उस मोबाइल को बंद करा दिया. आज 2G, 4G, 5G के बाद 6G की तैयारी हो रही है. G का सिलसिला चलता रहेगा. आज चालक रहित विमान के बाद आज चालक रहित कार भी आ गई है. लेकिन हमारे सामने मानव के मानव और मनुष्य के मनुष्य बने रहने की चुनौती है. इसके लिए हमें ज्ञानवान और शीलवान होना पड़ेगा. इसके लिए टीमवर्क की जरूरत है. हमें एक धर्म के बारे में ही सोचना होगा. राष्ट्र धर्म ही सर्वोपरि धर्म है. राष्ट्र धर्म के सामने अनेक चुनौतियां हैं ,जिसे एक बनकर ही दूर किया जा सकता है. भारत को शताब्दी वर्ष में विकसित भारत बनाने का प्रधानमंत्री का संकल्प तभी पूरा हो सकता है. राष्ट्र की अपूर्णीय क्षति करने वाली नकारात्मक ताकतों को परास्त करने में तभी हम सफल हो पाएंगे.