साइबर क्राइम का गढ़ ‘जामताड़ा’: दाग धुलने की ओर, सख्ती ने अपराधियों की कमर तोड़ी,
207 गिरफ्तार, 3500 फर्जी सिम ब्लॉक, और अब नंबर आएगा जेल का!
झारखंड का जामताड़ा, जो कभी देशभर में साइबर अपराध का पर्याय बन गया था, अब धीरे-धीरे अपने इस कलंक को धोने की राह पर है। पुलिस की बढ़ती सख्ती और नवीनतम तकनीकों के उपयोग से जिले में साइबर अपराधों का ग्राफ तेजी से गिर रहा है। हालात यह हैं कि जामताड़ा, जो एक समय साइबर अपराध के मामलों में शीर्ष पर था, अब राज्य के अन्य जिलों से भी पीछे रह गया है।
2024: साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसते हुए 207 गिरफ्तारियां
जामताड़ा जिले में राज्य का पहला साइबर थाना खुलने के बाद से पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। वर्ष 2024 में अब तक 207 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने इनके कब्जे से 27 लाख रुपए नकद, 609 मोबाइल फोन, और रिकॉर्ड 3500 फर्जी सिम कार्ड भी जब्त किए हैं।
डीएसपी स्तर के अधिकारियों की तैनाती और लगातार छापेमारी के चलते अपराधियों का नेटवर्क ध्वस्त हो रहा है। पुलिस का दावा है कि जिले में साइबर अपराध के मामलों में इस साल भारी गिरावट देखी गई है।
साइबर अपराधों में 2024 में गिरावट: केवल 74 शिकायतें दर्ज
जामताड़ा साइबर थाना से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2024 में अब तक केवल 74 साइबर अपराध के मामले दर्ज हुए हैं। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में काफी कम है। पुलिस का कहना है कि अपराधियों पर लगातार दबाव बनाए रखने और फर्जी सिम कार्ड बंद करने के कारण यह संभव हो सका है।
दृष्टि और प्रतिबिंब ऐप: अपराधियों तक पहुंचने का नया हथियार
साइबर अपराधियों को पकड़ने में दृष्टि और प्रतिबिंब ऐप पुलिस के लिए गेमचेंजर साबित हो रहे हैं। ये ऐप पुलिस को अपराधियों की लोकेशन का सटीक विवरण देते हैं, जिससे तुरंत कार्रवाई संभव हो पाती है।
इन ऐप की मदद से अन्य जिलों और राज्यों से पकड़े गए अपराधियों की जानकारी भी तुरंत साझा की जा रही है, जिससे मामले की तह तक जाने में मदद मिल रही है।
साइबर अपराधियों को अदालत से सजा
इस वर्ष पुलिस न केवल अपराधियों को पकड़ने में बल्कि उन्हें सजा दिलाने में भी सफल रही है। हाल ही में नारायणपुर के पांच साइबर अपराधियों को 2018 के एक मामले में दोषी ठहराया गया। इसी तरह, जामताड़ा थाना कांड संख्या 38/17 के चार आरोपियों को अदालत ने दोषी करार दिया है।
वेब सीरीज़ से मिली पहचान, अब सख्ती से बदल रहा चेहरा
नेटफ्लिक्स पर 2020 में रिलीज़ हुई वेब सीरीज़ जामताड़ा: सबका नंबर आएगा ने इस जिले की पहचान साइबर अपराध के गढ़ के रूप में स्थापित कर दी थी। हालांकि, अब पुलिस और प्रशासन की सख्ती के कारण जामताड़ा इस छवि को बदलने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
जामताड़ा: अब ‘कैपिटल ऑफ साइबर क्राइम’ नहीं
3500 फर्जी सिम ब्लॉक: फर्जी पहचान पर लिए गए सिम कार्ड अब पुलिस के निशाने पर हैं।
609 मोबाइल फोन जब्त:अपराधियों के संचार माध्यमों को खत्म करने की कोशिशें रंग ला रही हैं।
207 गिरफ्तार:लगातार दबिश के कारण अपराधियों का गढ़ अब कमजोर पड़ रहा है।
जामताड़ा, जो कभी साइबर अपराध का केंद्र माना जाता था, अब पुलिस की सख्ती और आधुनिक तकनीकों की मदद से एक नई पहचान की ओर बढ़ रहा है। अपराधियों की गिरफ्तारियों और फर्जी सिम कार्ड बंद होने से साफ संकेत मिलते हैं कि आने वाले समय में जामताड़ा साइबर क्राइम के दाग को पूरी तरह मिटाने में सफल होगा।