तेजाब से जलाने वाले अभियुक्त की जमानत न्यायालय ने किया निरस्त
08 जुलाई 2024 स्वीकृत की गयी थी जमानत
एक ही लड़की को बार-बार परेशान कर दो बार जा चुका है आकाश यादव जेल तीसरी बार तेजाब से जलते पहुंच गया लड़की के घर तब न्यायालय ने अभियुक्त का जमात किया निरस्त
गोरखपुर।न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गोरखपुर ने मनचले आशिक मनबढ़ आकाश का जमानत अभियोजन अधिकारी की पैरवी के वजह से किया खारिज आकाश यादव गोरखनाथ थाना क्षेत्र का मनबढ़ मनचला आशिक एक लड़की को बार-बार परेशान करता था जेल जाता था जेल से छूटने के बाद फिर परेशान करता था फिर छुट कर एक ही लड़की को बार-बार परेशान करने के जुर्म में दो बार जेल गया तीसरी बार लड़की को तेजाब से जलाने के लिए उसके घर पहुंच गया लड़की के ऊपर तेजाब फेंक दिया लेकिन संयोग अच्छा रहा की तेजाब लड़की के घर में पहले ही गिर गया और लड़की बच गई लड़की की मां बाहर निकली तो मां से मारपीट कर गला दबा कर मारने का प्रयास लिया पुलिस मौके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।आकाश यादव की जमानत दूसरी बार 08 जुलाई 2024 स्वीकृत की गयी थी उस जमानत को अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह की टीम ने न्यायालय में पैरवी कर जमानत को खारिज कराया जिससे अभियुक्त आकाश यादव जेल में निरुद्ध रहे। मु०अ०सं०- 348/2024, धारा- 504, 506 भा०दं०सं० व 66E, 67 आई.टी. एक्ट थाना गोरखनाथ में अभियोजन द्वारा न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया कि उपरोक्त अपराध संख्या में न्यायालय द्वारा अभियुक्त आकाश यादव की जमानत 08 जुलाई 2024 स्वीकृत की गयी है अभियुक्त जमानत प्राप्त होने के पश्चात 17 अगस्त 2024 को अभियुक्त आकाश यादव जमानत की शर्तों का उल्लंघन करते हुए मुकदमा अपराध संख्या-348/2024 की पीड़िता के घर में घुस कर दिन दहाड़े गाली गलौज करते हुए, तेजाब फेकने और बीच बचाव करने आयी पीड़िता के माँ को भी जान से मारने की नियत से गला दबाने और मार पीट की, जिसके संबंध में थाने पर मुकदमा अपराध संख्या- 439/2024 अन्तर्गत धारा- 124(1), 109(1), 333 115(2) बी.एन.एस. पर पंजीकृत किया गया साक्ष्य संलग्न के पश्चात प्रकरण में धारा- 61(2) बी.एन.एस की बढ़ोत्तरी की गयी थी धारा 124(1) को विलोपित करते हुए धारा- 124(2) बी.एन.एस की बढोत्तरी करते हुए, अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा दिया गया । अभियुक्त आकाश यादव ने जमानत होने के पश्चात जमानत की शर्तों का उल्लंघन करते हुए विवेचना में हस्तक्षेप किया और अभियोजन साक्ष्यों को प्रभावित करने का प्रयास किया गया अभियुक्त आकाश यादव के विरूद्ध पंजीकृत अपराध, इसके आपराधिक प्रवृति को दर्शित करता है। ऐसी स्थिति में यदि अभियुक्त की जमानत निरस्त नहीं की गयी तो अभियुक्त अन्य मुकदमे में जमानत प्राप्त कर बाहर आया तो उसके द्वारा पीड़िता के साथ गंभीर अपराध कारित की पुनरावृत्ति से इंकार नहीं किया जा सकता है। अभियोजन पक्ष द्वारा किए गए पैरवी को न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गोरखपुर ने गंभीरता से लेते हुए अभियुक्त आकाश यादव की 08 जुलाई 2024 को स्वीकृत की गयी जमानत को निरस्त कर दिया।