गोरखपुर, 23 नवंबर 2024: एम्स गोरखपुर के स्त्री रोग विभाग की अध्यक्ष, डॉ. प्रोफेसर शिखा सेठ की अध्यक्षता में आयोजित स्किललॉग IV कार्यशाला ने सीजेरियन सेक्शन की बढ़ती दर को कम करने और मातृ स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इस कार्यशाला में विभाग के सभी चिकित्सकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और सीजेरियन सेक्शन से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों और उनके समाधानों पर गहन चर्चा की। इस कार्यशाला में एम्स गोरखपुर की स्त्री रोग विशेषज्ञों, नर्सिंग अधिकारियों और छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लेकर सीजेरियन सेक्शन से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों और उनके समाधानों पर गहन चर्चा की।
कार्यशाला का उद्देश्य:
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सीजेरियन सेक्शन की बढ़ती दर को कम करना और मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना था। विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि सीजेरियन सेक्शन एक जरूरी सर्जरी हो सकती है, लेकिन इसे आखिरी विकल्प के रूप में ही अपनाना चाहिए।
कार्यशाला में हुए प्रमुख बिंदु:
सीजेरियन सेक्शन की जटिलताएं और उनका प्रबंधन: विशेषज्ञों ने सीजेरियन सेक्शन के दौरान होने वाली विभिन्न जटिलताओं और उनके निवारण के उपायों पर विस्तार से चर्चा की।
रॉब्सन वर्गीकरण: इस वर्गीकरण के माध्यम से सीजेरियन सेक्शन के विभिन्न प्रकारों और उनके कारणों को समझाया गया।
पेट के सर्जिकल घावों की देखभाल: सर्जरी के बाद घावों की उचित देखभाल के महत्व पर जोर दिया गया।
पैनल चर्चा: पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने जटिल मामलों को संभालने के अपने अनुभव साझा किए और सीजेरियन सेक्शन की दर को कम करने के उपाय सुझाए।
सीजेरियन सेक्शन दर में कमी: कार्यक्रम में सीजेरियन सेक्शन की बढ़ती दर को कम करने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार-विमर्श किया गया।
विशेषज्ञों की भागीदारी:
कार्यक्रम में डॉ. शिखा सेठ, डॉ. प्रीतिबाला सिंह, डॉ. आराधना सिंह, डॉ. प्रीति प्रियदर्शिनी और डॉ. प्रियंका सिंह शिशोदिया जैसे जाने-माने विशेषज्ञों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
एम्स, गोरखपुर का योगदान:
एम्स, गोरखपुर ने इस कार्यशाला के आयोजन के माध्यम से मातृ और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है