श्रीमद्भागवत कथा का दूसरा दिन
ब्यूरो प्रभारी —-विनय तिवारी
बड़हलगंज /गोरखपुर (निष्पक्ष टुडे) बड़हलगंज विकास खण्ड की ग्राम पंचायत पटना में चल रहे श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा के दूसरे दिन सोमवार को प्रख्यात कथा वाचक पूज्य आचार्य मनमोहन मिश्र जी ने राजा परीक्षित संवाद, शुकदेव जन्म सहित अन्य प्रसंग सुनाया। कथा वाचक ने शुकदेव परीक्षित संवाद का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार परीक्षित महाराज वन में चले गए। उनको प्यास लगी तो समीक ऋषि से पानी मांगा। ऋषि समाधि में थे, इसलिए पानी नहीं पिला सके। परीक्षित ने सोचा कि साधु ने अपमान किया है। उन्होंने मरा हुआ सांप उठाया और समीक ऋषि के गले में डाल दिया। यह सूचना पास में खेल रहे बच्चों ने समीक ऋषि के पुत्र को दी। ऋषि के पुत्र ने शाप दिया कि आज से सातवें दिन तक्षक नामक सर्प आएगा और राजा को खत्म कर देगा। समीक ऋषि को जब यह पता चला तो उन्होंने दिव्य दृष्टि से देखा कि यह तो महान धर्मात्मा राजा परीक्षित हैं और यह अपराध इन्होंने कलियुग के वशीभूत होकर किया है। समीक ऋषि ने जब यह सूचना जाकर परीक्षित महाराज को दी तो वह अपना राज्य अपने पुत्र जन्मेजय को सौंपकर गंगा नदी के तट पर पहुंचे। वहां बड़े ऋषि, मुनि देवता आ पहुंचे और अंत में व्यास नंदन शुकदेव वहां पहुंचे। शुकदेव को देखकर सभी ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। कथा सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। कथा के दौरान धार्मिक गीतों पर श्रद्धालु जम कर झूमे। कथा में दूसरे दिन बड़ी संख्या में महिला-पुरूष कथा सुनने आए। विधायक राजेश त्रिपाठी के जनसंपर्क प्रभारी राजीव पाण्डेय ने व्यास पीठ की आरती कर आशिर्वाद प्राप्त किए। इस अवसर पर कथा के यजमान रविन्द्र नाथ त्रिपाठी व सुमित्रा देवी,हेमंत त्रिपाठी,अष्टभुजा सिंह,अजय दुबे, टाइगर दुबे,सुरेश मिश्र,कृष्ण मोहन मौर्या,हरिश्चन्द्र सिंह,गौरीशंकर सिंह,हरिशंकर सिंह, समाजसेवी आनन्द त्रिपाठी,अमरजीत सिंह, अनिल सिंह,आशुतोष सिंह, राजन सिंह,आदित्य सिंह,अमित त्रिपाठी, विनय सिंह,संजय तिवारी, सुरेश तिवारी, रामदयाल यादव, लल्लन त्रिपाठी, उदय नारायन त्रिपाठी,दिग्विजय त्रिपाठी, राधेश्याम मिश्रा,स्वतंत्र त्रिपाठी,रणधीर त्रिपाठी, हीरालाल गुप्ता, ओमप्रकाश सिंह, राधेश्याम सिंह, विकास सिंह, गोबरी शर्मा, राजदेव यादव, विनय तिवारी ,बहादुर शर्मा, मुन्ना गौड ,प्रथमेश त्रिपाठ सहित भारी संख्या श्रद्धालु भागवत कथा का रसपान के लिए उपस्थित रहे।