डिप्टी कमिश्नर (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच) सुनील कुमार वर्मा द्वारा चोरखरी, बखरा, गौरी बाजार देवरिया स्थित मेसर्स सर्वश्री शिवांश फूडग्रेन & राइस इंडस्ट्रीज पर छापेमारी कर घटतौली के माध्यम से करचोरी पकड़ी गई।
सूत्रों के अनुसार, ज्वाइंट कमिश्नर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (एसआईबी) उदित नारायण सिंह एवं डिप्टी कमिश्नर (एसआईबी) सुनील कुमार वर्मा को प्राप्त गोपनीय सूचना और इनके द्वारा की गई रेकी पर पाया गया कि जीएसटी की करदेयता से बचने के लिए मेसर्स सर्वश्री शिवांश फूडग्रेन & राइस इंडस्ट्रीज द्वारा 23 किलोग्राम एवं 24 किग्रा वजन वाले चावल के सीलबंद पैकेट / बोरी पर 26 किग्रा अंकित कर के बिक्री की जा रही है।
देवरिया स्थित फर्म शिवांश फूडग्रेन & राइस इंडस्ट्रीज चावल एवं राइस ब्रान का व्यापार करती है। फर्म द्वारा घटतौली करके 26 किग्रा वाले चावल के पैकेट पर केवल 23 किग्रा एवं 24 किग्रा भरती करके बिक्री की जा रही है।
जीएसटी नियमों के अनुसार अगर खाद्यान्न का पैकेट 25 किग्रा से अधिक है तो उस पर जीएसटी देय नहीं होता। कर देयता से बचने के लिए व्यापारी 25 किग्रा वजन की बोरी / पैकेट के बजाय 26 किग्रा की बोरी / पैकेट तैयार करके बिक्री करते हैं। लेकिन उक्त व्यापारी द्वारा बोरी / पैकेट पर अंकित वजन तो 26 किग्रा ही है किंतु उनमें चावल का वास्तविक वजन केवल 23 किग्रा एवं 24 किग्रा ही है।
ऐसे में घटतौली करके वो दो तरफ मुनाफा कमाते हैं। एक तरफ तो सरकार को भी टैक्स देने से बचते हैं दूसरी तरफ जनता को बिक्री किए जाने वाले खाद्यान्न की घटतौली भी करते हैं।
संयुक्त आयुक्त, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच रेंज- बी, गोरखपुर विवेक सिंह द्वारा जारी जांच प्राधिकार पत्र (INS-01) लेकर दोपहर बाद फैक्टरी स्थल पर पहुँची जाँच टीम में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच गोरखपुर, सचल दल गोरखपुर एवं सचल दल देवरिया के अधिकारी शामिल रहे। देर शाम तक टीम स्टॉक लेने और प्रपत्रों की जांच में जुटी रही। टीम में असिस्टेंट कमिश्नर जितेंद्र कुमार रमन, असिस्टेंट कमिश्नर प्रशान्त कुमार द्विवेदी, असिस्टेंट कमिश्नर गिरिजा नंदन सिंह, राज्य कर अधिकारी अशोक कुमार पांडेय, राम प्रताप सिंह, अजीत प्रताप सिंह के साथ ही भारी पुलिस बल मौजूद रहा।
एडिशनल कमिश्नर संजय कुमार ने बताया जांच पड़ताल एवं विश्लेषण के बाद फर्म पर टैक्स आरोपण किया जाएगा। यद्यपि मौके पर व्यापारी ने अपनी गलती मानते हुए रू 5 लाख कर / जुर्माना जमा कर दिया।