राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र तथा पॉलिटिकल फंडिंग में पारदर्शिता प्रमुख चुनौतियां: हरिकिशन शर्मा
गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित वैल्यू एडेड कोर्स में आज दो व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार हरिकिशन शर्मा रहे। शर्मा वर्तमान में इंडियन एक्सप्रेस अखबार के नेशनल पोलिटिकल ब्यूरो में सीनियर असिस्टेंट एडिटर के रूप में कार्यरत हैं।
दूसरे सत्र में मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान के प्राध्यापक डॉ स्वदेश सिंह रहे। डॉ स्वदेश सिंह इंडिया फाउंडेशन के डिस्टिंग्विश फेलो भी है।
अपने उद्बोधन में श्री हरिकिशन शर्मा ने भारतीय राजनीति के समक्ष दो प्रमुख चुनौतियों राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र तथा पॉलिटिकल फंडिंग के बारे में विस्तृत चर्चा की। एक नागरिक रूप में लोगों का अधिकार है कि वो जाने की राजनीतिक दलों में कौन और किस प्रकार से निर्णय लिए जाते हैं। क्योंकि राजनीतिक दलों के निर्णय जैसे उम्मीदवार का चयन आम आदमी को प्रभावित करता है। राजनीतिक दलों की संरचना के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में तीन प्रकार के दल हैं। पहले परिवार द्वारा नियंत्रित दल, दूसरा एक व्यक्ति द्वारा नियंत्रित दल, और तीसरा 8-10 लोगों के एक समूह जैसे वर्किंग कमेटी या पार्लियामेंट पार्लियामेंट्री बोर्ड द्वारा संचालित दल। जनप्रतिनिधि कानून के अंतर्गत राजनीतिक दलों को अपने दल के सदस्यों तथा उसके विभिन्न अंगों के बारे में पूरी जानकारी आम जनमानस को देने के लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
श्री शर्मा ने राजनीतिक फंडिंग को और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया जिससे सभी राजनीतिक दलों को लेवल प्लेयिंग फील्ड मिले और लोगो को जानकारी रहे कि किसी राजनीतिक दल को कहां से संसाधन मिल रहे हैं।
विचारधारा से विचार की ओर जाएं
दूसरे सत्र में अपने उद्बोधन में डॉ स्वदेश सिंह ने कहा कि तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वैश्वीकरण, शहरीकरण ने भारतीय राजनीति के समक्ष नई चुनौतियां पेश की है। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति के समक्ष सहमति का संकट है जो विचारधारा के टकराव की वजह से है। आवश्यकता है कि हम विचारधारा से विचार की ओर जाएं और विचारों पर सहमति बनाए जिससे गवर्नेंस प्रभावित न हो। देश का विकास बाधित न हो।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश कुमार सिंह ने की। कार्यक्रम संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ महेंद्र कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महाविद्यालयों के शिक्षकगण तथा विद्यार्थियों ने सहभागिता की।