संवाददाता : शिशिर श्रीवास्तव , निष्पक्ष टुडे
संसाधनों का समुचित प्रयोग कर पहुंचाएं बेहतर सुविधाएं: डीएम,
आज दिनांक 27 दिसंबर 2024 को शासन के निर्देशानुसार गुरु गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर्व पर आयोजित होने वाले खिचड़ी मिले के दौरान प्रत्येक श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गोरखपुर के नेतृत्व में मॉक ड्रिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मॉक ड्रिल कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक श्रद्धालु को खिचड़ी मेले के दौरान समुचित सुविधाएं प्राप्त हो और सुरक्षा व्यवस्था में तैनात प्रत्येक विभाग को एक दूसरे के भौतिक एवं मानवीय संसाधनों के बारे में पूर्ण जानकारी हो जिससे कि किसी भी आपातकाल की स्थिति में संगठित रूप से राहत कार्य संपादित किया जा सके।
महाकुंभ 2025 के दृष्टिगत गुरु गोरखनाथ मंदिर में भी भारी संख्या में श्रद्धालु आएंगे, जिनकी सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पूर्व तैयारी, दिनांक 21 दिसंबर 2024 को अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व प्रभारी अधिकारी आपदा के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट सभागार में मॉक एक्सरसाइज संबंधी तैयारी हेतु हितभागी विभागों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
मॉक एक्सरसाइज हेतु चिन्हित जनपद हैं ; गोरखपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, मेरठ, चित्रकूट आदि में निर्धारित किए गए।
कमांड पोस्ट, मॉक एक्सरसाइज का क्रियान्वयन राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना ,इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम को लागू करते हुए विनीत कुमार सिंह अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व)/प्रभारी अधिकारी (आपदा) जो की किसी भी आपदा काल में इंसिडेंट कमांडर के रूप में राहत कार्य का नेतृत्व करते हैं और जितेंद्र कुमार, पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी/नोडल आपदा) जोकि अपर ऑपरेशन सेक्शन चीफ के रूप में आपदा काल में सहयोग प्रदान करते हैं, द्वारा कार्य को संपादित कराया गया।
मॉक ड्रिल कार्यक्रम को चार चरणों में संपादित किया गया;
प्रथम चरण, मंदिर परिसर के भीम सरोवर में व्यक्ति के डूबने की घटना को प्रदर्शित किया गया, जिसमें त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए राज्य आपदा मोचन बल के जवानों ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यास किया। खिचड़ी मेले में सुरक्षा के दृष्टिगत मेला अवधि तक एसडीआरएफ बल की तैनाती भीम सरोवर पर की गई है। एसडीआरएफ बल ने भीम सरोवर में संचालित कर रहे मोटर बोट चालकों को प्रशिक्षण प्रदान किया। डूब रहे व्यक्तियों को कैसे बचाया जाएगा, यदि व्यक्ति ने पानी पी लिया है तो उसके पेट से पानी कैसे बाहर निकाला जाएगा, प्राथमिक उपचार की विधि आदि। एसडीआरएफ बल ने रिमोट से संचालित होने वाले लाइफ जैकेट का संजीव प्रस्तुतीकरण किया।
द्वितीय चरण, मेला परिसर में अग्निकांड की घटना ना हो इस हेतु लोक निर्माण विभाग विद्युत विभाग तथा अग्निशमन विभाग की संयुक्त टीम ने निरीक्षण किया और विभिन्न प्रतिष्ठान स्वामियों को आवश्यक निर्देश व सुझाव प्रदान किया। उदाहरण स्वरूप मेला परिसर में खाना बनाते समय गैस सिलेंडर में आग लगने के कारण अग्निकांड की घटना घटित होती है जिस पर अग्निशमन विभाग के पास उपलब्ध मोटर बाइक तथा छोटे चार पहिया वाहन अग्निशमन वाहन के माध्यम से उक्त आग पर काबू पाया जाता है। प्रतिष्ठान स्वामियों को गैस सिलेंडर में लगने वाली आग को किस प्रकार नियंत्रित किया जाता है के संबंध में अग्निशमन विभाग द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इंसिडेंट कमांडर द्वारा निर्देशित किया गया कि मेला परिसर में संचालित हो रहे समस्त दुकानों की जांच कर, प्रयोग में लाए जा रहे एलपीजी सिलेंडर तथा प्रयुक्त रेगुलेटर व पाइप आदि की जांच मानक के अनुरूप अनिवार्य रूप से कर ले।
तृतीय चरण, श्री गोरखनाथ मंदिर में भारी संख्या में आए श्रद्धालुओं के मध्य अफवाह फैलने के कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, के दृष्टिगत प्रवेश एवं निकासी द्वार पर तैनात पुलिस कार्मिकों तथा नागरिक सुरक्षा के वार्डन को सुरक्षित जनमानस को बाहर निकालने हेतु व्यापक दिशा निर्देश दिए गए। समस्त को निर्देशित किया गया कि जिस द्वारा पर आपकी तैनाती है, से संबंधित ताले की चाबी तथा बैरिकेडिंग को खोले जाने के संबंध में जानकारी पहले से प्राप्त रहे। अफवाहों पर नियंत्रण प्राप्त करने हेतु पब्लिक एड्रेस सिस्टम को भी जांचा गया और यह सुनिश्चित किया गया कि प्रत्येक द्वार पर वायरलेस सिस्टम/सेट के साथ कार्मिक तैनात रहे। मेला परिसर के अंतर्गत वैकल्पिक चिकित्सालय की स्थापना के साथ आसपास की समस्त अस्पतालों को सूचीबद्ध करते हुए बेड आरक्षित किए जाने की कार्रवाई की गई।
चतुर्थ चरण: कमांड पोस्ट के साथ ही समस्त विभागों की प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें विभागों ने अपने पास राहत व बचाव कार्य से संबंधित उपकरणों को प्रदर्शित किया और उसका किस प्रकार उपयोग किया जाता है के संबंध में जनमानस को जागरूक किया।
विभागों के मध्य समन्वय स्थापित करने तथा सुरक्षित वातावरण में खिचड़ी मेले का आयोजन किए जाने संबंधी कार्यों की गहनता से जांच की गई।
मॉक एक्सरसाइज में राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन, नगर निगम, नागरिक सुरक्षा, लोक निर्माण, विद्युत, आपदा मित्र व सखी आदि विभागों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया।