किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मी त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी के बारे में बात की थी. उन्होंने कहा था- पिछले 2 सालों से ममता हमारे सम्पर्क में थीं. वह सनातन से जुड़ना चाहती थीं. वह पहले जूना अखाड़े में शिष्या थीं. फिर हमारे सम्पर्क में आईं. फिर उन्होंने पद की मांग की. उन्होंने कहा कि उन्हें महामंडलेश्वर बनना है. फिर हमने बताया कि यह सब करना होता है.
संगम में ममता कुलकर्णी ने अपना पिंडदान किया. इसमें उन्होंने फूलों से सजी एक थाल में दीया रखकर उनसे गंगा में प्रवाहित किया. इसके बाद एक्ट्रेस ने उन्होंने पवित्र जल में डुबकी लगाई. मीडिया से बातचीत में ममता कुलकर्णी ने कहा- महादेव, मां काली और मेरे गुरु का ये आदेश था. ये सब उन्होंने डिसाइड किया था. आज का दिन भी उन्होंने डिसाइड किया था. मैंने कुछ नहीं किया है.
ममता कुलकर्णी की चोटी काटी जाएगी. फिर पिंडदान होगा. जैसे किन्नर अखाड़े का कानून होता है वैसे ही यहां भी होगा।
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