कुशीनगर के सांसद माननीय विजय दुबे ने आज सदन में रेल अनुदानों की मांग के समर्थन पर बोलते हुए कहा कि “धन्यवाद अध्यक्ष जी की रेल के अनुदानों के मांग के संदर्भ में आपने हमें अवसर दिया, इसमें कोई दो राय नहीं है कि बीते एक दशक के इस देश के ऐतिहासिक विकास में भारतीय रेल ने भी अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है। महोदय मैं पिछले दशक में रेल विभाग के कुछ उपलब्धियां पर प्रकाश डालना चाहता हूं, जो सरकार के दूरदर्शी नेतृत्व और आधुनिकरण दक्षता और स्थिरता के प्रति अतुलनीय प्रतिबद्धता का प्रमाण है 31180 ट्रैक किलोमीटर की कमीशनिंग, ट्रैक बिछाने की गति 2014-15 में 4 किलोमीटर प्रतिदिन से तीन गुना से अधिक बढ़कर 2023 24 में 14•54 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई,जो अभूतपूर्व गति से रेलवे का विस्तार करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
इसके अलावा वर्ष 2014 और 2024 के बीच 41655 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण, जो 2014 से पहले की उपलब्धियां के लगभग दुगना है। वित्त वर्ष 2023- 24 में रेलवे का रिकॉर्ड तोड़ माल लदान 1588 मिलियन टन रहा, जो 2014-15 में 1095 मी० टन से एक महत्वपूर्ण उछाल है। यह सरकार के लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन नेटवर्क को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने को दर्शाता है।
इसके अलावा अगर हम क्या याद करें, सभी याद करें, पिछले एक दशक के पहले रेल की गंदगी किसी भी यात्री के लिए बहुत बड़ा सरदर्द था, क्या वह रेल कोच के शौचालय हो, क्या वह रिटायरिंग रूम के शौचालय हो, क्या वह प्लेटफार्म के शौचालय हो और क्या रेल पटरियों की गंदगी मिसाल था, जो यात्रियों के लिए सरदर्द था। मैं अभिनंदन करता हूं, अपने रेल मंत्री माननीय अश्वनी वैष्णव जी का क्योंकि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के स्वच्छता मिशन को अगर मजबूती से धरातल पर उतरने का कोई कार्य किसी विभाग ने किया है तो रेल विभाग ने यह करके दिखाया है।
ऐसा नहीं की, रेल विभाग के इन उपलब्धियां से हमारा कुशीनगर लोकसभा भी वंचित रहा हो, हमारे लोकसभा कुशीनगर के विकास में अगर देखे तो रेल विभाग का अभूतपूर्व योगदान है। जिला मुख्यालय पडरौना जाम से त्रस्त था, व्यापारी त्रस्त थे, आज अंडरपास 68 – बी पर और 67 पर आरओबी देकर पडरौना के व्यापारियों को जाम से निजात दिलाने का कार्य किया गया। छितौनी तमकुही रेल परियोजना, डेढ़ दशक पहले, 15 साल पहले बिहार और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती लोगों के लाभ के लिए उनके आवागमन के लाभ के लिए चालू किया गया था। 5 साल में 4 किलोमीटर की रेल पटरी बिछाकर, रेलवे स्टेशन का निर्माण करके एक दशक पहले वह परियोजना को पूरी तरह बंद कर दिया गया था। मैं अपने रेल मंत्री माननीय अश्वनी वैष्णव जी को अभिनंदन करता हूं कि पिछले सत्र में इस बंद पड़े परियोजना केवल डी फ्रिज करते हुए, न केवल 10 करोड़ रुपया देकर, उस भू अधिग्रहण के कार्य को शुरू कराकर, उन्होंने बिहार उत्तर प्रदेश सीमावर्ती लोगों के उम्मीदों के सपने को जगाने का कार्य किया। मैं एक रेलवे स्टेशन , जो हमारे कुशीनगर लोकसभा के पडरौना और कप्तानगंज रेलवे स्टेशन को स्मार्ट रेलवे स्टेशन में, माननीय रेल मंत्रालय ने उसके निर्माण को प्रारंभ किया है। मैं अपने रेल मंत्री जी का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं और आग्रह करता हूं कि कुशीनगर बौद्ध सर्किट एरिया है, कुशीनगर भगवान बुद्ध का परी निर्वाण स्थल है स्थल है और इस कुशीनगर के बौद्ध सर्किट एरिया को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर पर्यटन विकास को बढ़ाने के लिए हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने 2021 में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा का वहां निर्माण किया था। हमें लगता है, पूरे देश का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा जो रेल सुविधा से वंचित होगा। 2017 में गोरखपुर, सरदारनगर, कुशीनगर, पडरौना की परियोजना का डीपीआर बनाकर उसको 2017 से बंद है। मैं अपने माननीय रेल मंत्री जी से आग्रह करता हूं कि बस उसे बौद्ध सर्किट एरिया के उसे पर्यटन विकास के लक्ष्य को जो माननीय प्रधानमंत्री जी ने तय किया था, उनके इस लक्ष्य को साकार करने के लिए और कुशीनगर बौद्ध सर्किट एरिया को बढ़ाने के साथ कुशीनगर पालिका हाटा नगर पालिका के लोगों को रेल की देश की आजादी के बाद से पहली बार रेल सुविधा देने का कार्य करेंगे। इसके साथ मैं अपने माननीय नरेन्द्र मोदी जी अभिनंदन स्वागत करता हूं कि हमारी कुशीनगर से सीमा से लगा बिहार है 88 साल बाद, दो भाग में मिथिला जो बात था, 516 करोड़ देकर कोसी रेल महासेतु बनाकर मिथिला को एक करने का कार्य किया।
मैं अपने प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी का अभिनंदन करता हूं, माननीय रेल मंत्री जी से आग्रह करता हूं कि गोरखपुर सरदार नगर, कुशीनगर, पडरौना के रेल परियोजना को आप निश्चय ही छितौनी तमकुही परियोजना की तरह प्रारंभ करने का कार्य करें। वहां की, क्षेत्र की जनता आशा लेकर, उनको विश्वास है, क्योंकि सब को इसलिए विश्वास है जानते हैं वह मोदी है तो सब मुमकिन है। आज रेल विभाग के इस अनुदानों के मांग का मैं समर्थन करते हुए अपनी बातों को समाप्त करता हूं, धन्यवाद।”