पूरी तरह सौर ऊर्जा पर संचालित होगा महायोगी गोरखनाथ विवि
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया निर्णय
15000 की क्षमता के स्टेडियम निर्माण और वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों को बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी
1500 की क्षमता का बनेगा बहुउद्देश्यीय ऑडिटोरियम, 11000 पौधरोपण से बनेगा ग्रीन कैम्पस
गोरखपुर, 29 सितंबर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम बालापार गोरखपुर ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह विश्वविद्यालय आने वाले दिनों में ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं के लिए पूरी तरह सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा। विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ने रविवार को हुई बैठक में शत प्रतिशत सौर ऊर्जा के उपयोग और इस संबंध में जरूरी व्यवस्थाओं से जुड़े प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। कार्य परिषद ने सौर ऊर्जा के रूप में क्लीन एनर्जी के प्रयोग के साथ ही कैम्पस को ग्रीन बनाने के लिए 11 हजार पौधरोपण, 15 हजार की क्षमता के स्टेडियम और 1500 की क्षमता के अत्याधुनिक ऑडिटोरियम के निर्माण के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी है।
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी की अध्यक्षता एवं कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव के संचालन में हुई कार्यपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए उप कुलसचिव (प्रशासन) श्रीकांत ने बताया कि कार्य परिषद ने तय किया है कि जल्द ही विश्वविद्यालय में ऊर्जा संबंधी सभी जरूरतें सौर ऊर्जा से पूरी की जाएंगी। इसके लिए जरूरी सिस्टम की स्थापना को मंजूरी दे दी गई है। कार्य परिषद ने इस बात पर हर्ष व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय में सभी कक्षाओं को स्मार्ट क्लास रूम में अपग्रेड कर दिया गया है। आने वाले समय में विश्वविद्यालय का अपना सिम्यूलेशन लैब भी होगा। इससे जुड़े प्रस्ताव को बैठक में स्वीकार कर लिया गया है। कार्य परिषद ने इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है कि ग्रीन कैम्पस की परिकल्पना को साकार करने के लिए परिसर में 11000 पौधों का रोपण कराया जाए। शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 1500 की क्षमता का बहुउद्देश्यीय ऑडिटोरियम बनाने और विश्वविद्यालय के अपने स्टेडियम के निर्माण के लिए रखे गए प्रस्तावों को भी कार्य परिषद के सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की। यह भी तय किया गया है कि विश्वविद्यालय आने वाले समय में वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
*अगले सत्र से होगी फोरेंसिक साइंस और एआई की पढ़ाई*
स्थापना के बाद से समयानुकूल पाठ्यक्रमों को संचालित कर रहे महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में अगले सत्र से फोरेंसिक साइंस, आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ड्रोन टेक्नोलॉजी की भी पढ़ाई होगी। इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार किए जाएंगे। इससे जुड़े प्रस्ताव पर भी कार्य परिषद की बैठक में मुहर लगा दी गई है।
*एमबीबीएस और बीएएमएस का नया सत्र 14 अक्टूबर से*
विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में इस सत्र से एमबीबीएस कोर्स को मान्यता मिलने और सभी सीटों पर प्रवेश होने पर प्रसन्नता व्यक्त की गई। बैठक में बताया गया कि स्टेट कोटा नीट काउंसिलिंग में छात्रों ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर को पहली प्राथमिकता दी है। बैठक में एमबीबीएस और बीएएमएस के नए सत्र का संचालन 14 अक्टूबर से शुरू किए जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया गया।
कार्य परिषद की बैठक में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की आचार्य डॉ. शोभा गौड़, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के सदस्य प्रमथ नाथ मिश्र, महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य रामजन्म सिंह, प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के प्रतिनिधि संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा प्रेम कुमार पांडेय, वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सीएम सिन्हा महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. सुनील कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक अमित कुमार सिंह, आयुर्वेद कॉलेज के सह आचार्य डॉ. सुमित कुमार एम., सहायक आचार्य डॉ. प्रिया एसआर नैयर, सीए अनिल कुमार सिंह, मुख्य अभियंता नीरज कुमार गौतम, सहायक अभियंता आशीष सिंह व्यक्तिगत रूप से तथा देवीपाटन शक्तिपीठ के महंत योगी मिथिलेशनाथ, चिकित्सा संकाय के अधिष्ठाता डॉ. हरिओम शरण, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के प्रमथनाथ मिश्र ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे।