प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट में न्यायमूर्तियों के स्वीकृत 160 पदों में आधे से अधिक खाली होने और समय से नियुक्ति नहीं होने तथा लंबित मुकदमों के बढ़ते बोझ की समस्या को लेकर हाई कोर्ट के अधिवक्ता मंगलवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे। इसलिए न्यायिक कार्य प्रभावित हुआ।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के अध्यक्ष अनिल तिवारी का कहना है कि “न्यायमूर्तियों की कुल स्वीकृत संख्या 160 है, लेकिन यह संख्या कभी नहीं पूरी की गई। पिछले साल न्यायाधीशों के लगातार सेवानिवृत्त होने के कारण संख्या आधी से भी कम रह गई है और लंबित मुकदमों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में इलाहाबाद हाई कोर्ट पर 11 लाख 49 हजार 453 विचाराधीन मुकदमों का बोझ है। मुकदमों का बढ़ता बोझ व वादकारियों को न्याय मिलने में देरी चिंता का कारण है।”