ब्यूरो प्रभारी : संतोष कुमार त्रिपाठी, खजनी, गोरखपुर।
खजनी थाना क्षेत्र के पड़ियापार गांव स्थित खजनी – सिकरीगंज सड़क मार्ग से सटे पूरब की तरफ पोखरे में कल सोमवार दोपहर बाद ग्रामीणों ने एक शव उतराता देखा, जिसकी सूचना पुलिस को दें दी गई। जानकारी होते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को बाहर निकलवाया। गांव वालों ने मृतक की पहचान मोहन निषाद के रूप में की। मौके पर पहुंचे परिजनों ने बताया कि दो माह पहले मोहन लापता हुआ था, जिसकी सूचना पुलिस को दी गई थी लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। वहीं परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस ने मामले में गंभीरता नहीं दिखाई, जिसके कारण आज यह दिन देखना पड़ा है।
नाराज परिजनों ने खजनी थाने के सामने ही खजनी गोरखपुर सिकरीगंज मार्ग पर जाम लगा दिया था। यह जाम लगभग आधा घंटा तक रहा और इस दौरान दुकानों के भी बंद करने की सूचना मिली है।
जाम के दौरान यातायात बाधित हो गया। प्रशासन के काफी समझाने के बाद परिजन माने और शव को पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल: 13 दिसंबर की रात मोहन निषाद को चोरी के आरोप में हरिजन बस्ती से दौड़ाया गया था। इस दौरान खोज बीन करने पर उसका लाल रंग का गमछा भी मिला था। परिजनों ने 14 दिसंबर को मोहन के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने एनडीआरएफ टीम की मदद से 12 घंटे तक खोजबीन की, लेकिन शव नहीं मिला। परिजनों ने कुछ लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल !
दो माह बाद मोहन का शव उसी पोखरे में मिला, जहां उसकी तलाश की गई थी। शव नायलॉन के कपड़े में बंधा हुआ था। परिजनों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर पुलिस ने गंभीरता से जांच की होती तो शव पहले ही मिल जाता।
पुलिस ने शव को मोर्चरी हाउस भेज दिया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। पुलिस द्वारा आगे की कार्रवाई प्रेषित है।