में स्थित स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों पर विभिन्न प्रकार की प्रतिस्पर्धा का प्रारंभ दिनाक तेरह अगस्त से किया जा रहा हैं ।यह संकल्प महामहिम श्री राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के सचिवालय निर्देश के क्रम में विश्वविद्यालय के ४३ वे दीक्षांत समारोह को सामाजिक दृष्टिकोण से और सार्थक बनाने की एक अत्यंत सराहनीय अनूठी पहल है ।
ये गाँव -रामनगर करजहा, ककराखोर, जंगल अख़लासकवर ,बालापार और बैजनाथपुर जो की तीन विभिन्न ब्लॉको में है क्रमश पिपराइच , पिपरौली और चरगांवँ। इनमें स्थित आगनवाड़ी केंद्रों जिनकी संख्या कुल पंद्रह है में बच्चों में स्वास्थ्य और स्वक्षता , केंद्र की स्वक्षता तथा आगनवाड़ी सेविकाओं की निपुणता को केंद्रित कर आपसी प्रतियोगता होगी ।इन समस्त मानको पे जो केंद्र सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगा , उस आंगनवाड़ी केंद्र को महामहिम राज्यपाल दीक्षांत के अवसर पर पुरस्कृत करेंगी ।
इसके साथ साथ इन गाँवों /ब्लॉको में स्थित प्राइमरी, हायर सेकेंडरी और सेकेंडरी स्कूलों के मध्य कक्षा तीन से पाँच , छै से आठ , नौ से दस तथा ग्यारह से बारह के चार कक्षा समूहों में भाषण प्रतियोगिता , चित्रकला प्रतियोगिता तथा कहानी कथन प्रतियोगिता का आयोजन भी कराया जा रहा है ।इन गाँव / ब्लॉकों से हार समूह के हर प्रतियोगता के दो उत्कृष्ट छात्र/छात्राओं को प्रतियोगता के दूसरे चरण के लिए विश्वविद्यालय में आकर आपस में प्रतिस्पर्धा करनी होगी । इसके पश्चात इन तीनों प्रतियोगिता के हर कक्षा समूह के दो सर्वश्रेष्ठ छात्र/छात्रा को महामहिम श्री राज्यपाल द्वारा दीक्षांत समारोह में पुरस्कृत किया जायेगा तथा इनकी कृतियों का प्रदर्शन भी महामहिम के समक्ष होगा ।
इस पूरे कार्यक्रम में ज़िला प्रशासन स्तर पर डीपीओ,बीएसए , डीएसओआई का सहयोग साथ साथ डॉ रीना सिंह और डॉ विनय मल्ल का सहयोग लगातार मिल रहा है।
माननीय कुलपति प्रो पूनम टंडन के कुशल मार्गदर्शन में संपन्न कराये जा रहे इस अंतर आगनवाड़ी प्रतियोगिता तथा अंतरविद्यालय प्रतियोगिता के सुचारूँ संचालन के लिए प्रो दिव्या सिंह के नेतृत्व में विश्वविद्यालय स्तर पर एक टीम का गठन भी किया गया है ।
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