एम्स गोरखपुर में एमबीबीएस और पीजी के छात्रों को सर्जरी के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जल्द ही इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। एम्स के सर्जरी विभाग के अनुसार, एआई का सर्जरी में उपयोग बढ़ने से ऑपरेशन की प्रक्रिया में सुधार होगा और मरीजों के उपचार में नई संभावनाएं खुलेंगी।
एआई की मदद से एम्स में हाल ही में दंत रोग विभाग ने बिना चीरे और टांका लगाए एक बच्ची की सर्जरी सफलतापूर्वक की है। इसके अलावा, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग भी एआई की मदद से गर्भावस्था के दौरान शुगर का पता लगाने पर काम कर रहा है।
सर्जरी में एआई के इस्तेमाल के कई फायदे हैं। यह ऑपरेशन के लिए सही उपकरणों और तकनीकों की सलाह देता है, साथ ही सीटी स्कैन, एमआरआई या एक्स-रे से मेडिकल इमेज तैयार कर ऑपरेशन की योजना को और अधिक सटीक बनाता है। एआई सर्जरी में मशीन लर्निंग आधारित एल्गोरिदम का उपयोग कर सर्जनों को ऑपरेशन के दौरान मदद करता है।
एम्स गोरखपुर के सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. गौरव गुप्ता ने कहा कि एआई के इस प्रयोग से सर्जरी की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आने की संभावना है। इसके माध्यम से न केवल सर्जरी की सटीकता बढ़ेगी, बल्कि मरीजों के इलाज में भी सुधार होगा।