प्राकृतिक विधि के जल शोधन से नदी की शुद्धि के साथ करोड़ों की बचत : मुख्यमंत्री
सीएम योगी ने किया राप्ती नदी में गिरने वाले नालों के जल शोधन की 2 करोड़ 70 लाख की परियोजना का शुभारंभ
प्राकृतिक विधि से जल शोधन उर्वरता और जीवन को बचाने का कार्य : मुख्यमंत्री
गोरखपुर, 3 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राप्ती नदी में गिरने वाले नालों के प्राकृतिक विधि (फाइटोरेमिडीएशन तकनीकी) से जल शोधन की 2 करोड़ 70 लाख रुपये की नगर निगम की परियोजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्राकृतिक विधि से जल शोधन से नदी की शुद्धि के साथ करोड़ों रुपए की बचत भी होगी। इसमें न तो बिजली का खर्च आएगा और न ही मेंटिनेंस का,
तकियाघाट पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में राप्ती नदी अविरल एवं निर्मल रहे, उसका जल स्वच्छ एवं सुदर रहे, इसके लिए जो प्रयास नगर निगम ने किया है वह सराहनीय है। यह बहुत बड़ा काम हुआ है। यह कार्य उर्वरता और जीवन को बचाने के लिए हुआ है। सीएम ने कहा कि महापुरूषों ने जल को जीवन माना है। प्रदूषित जल के कारण गोरखपुर के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1977 से लेकर 2017 तक 50 हजार मासूम बच्चे इंसेफेलाइटिस एवं वेक्टरजनित बीमारियों के कारण काल के गाल में समा गए। विषाणुजनित बीमारियों से होने वाली मौतों का कारण प्रदूषित जल और गंदगी था। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से स्वच्छ भारत मिशन पूरे देश में लागू हुआ। हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए शहरी क्षेत्र में अमृत मिशन और ग्रामीण क्षेत्र में जल जीवन मिशन प्रारम्भ हुआ। हर घर नल योजना के माध्यम से घर-घर तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य किया गया,